दोस्तो Beta testing क्या है इसको join कैसे करे , Beta Tester कैसे बने ये सभी सवाल का जवाब आपको इस पोस्ट में मिलेगा, कोई भी software या application जब बनाई जाती है तो उसको बनाने वाले developer को ये पता करना होता है कि उसके द्वारा जो एप्लीकेशन या software बनाया गया है उसमें किसी तरह का कोई भी bug या virus तो नही है और जब वो developer ये पता कर लेता है
कि उसकी द्वारा बनाई app में कोई भी bug नही है तो वो application की alpha और beta testing कराता है ये testing जरूरी भी है
क्योंकि इनसे ही पता चलता है कि developer ने जो app बनाया है वो सही से काम करता भी है या नही, क्योकि अगर app को डायरेक्ट ही बिना किसी testing के release करने से उसमे bug होने के chances बहुत जाएदा बढ़ जाते है।
इसलिए जब भी हमारे india में कोई भी application या software बनाया जाता है तो उसमें testing के कुछ चरण होते है जो application या software developer के द्वारा बनाया है उसे वो खुद चेक करते है और देखते है कि उसमें किसी तरह की कोई कमी या bug तो नही है यानी वो खुद से उस app का test करते है
और फिर और जब developer को लगता है की उनकी app में कोई भी bug नही है तो वो अपनी app की alpha testing कराते है। beta testing से पहले app की अल्फा टेस्टिंग होती है इसी के द्वारा app beta testing के लिए तैयार है या नही है ये पता चलता है।
alpha testing एक तरह से अप्प की acceptance Process होती है। यूजर के लिए application provide करने से पहले उसके कुछ defects और bugs को detect करना होता है ये testing 2 चरण में होती है पहले चरण में app को developer के द्वारा परफॉर्म किया जाता है और दूसरे स्टेप में अप्प को software quality assurance ( SQA) के द्वारा परफॉर्म कराया जाता है दोनों ही steps महत्वपूर्ण होते है ।
ये testing सभी लोगो के लिए नही होती है ये सिर्फ डेवलपर और engineers के द्वारा की जाती है।और फिर जब app की alpha testing हो जाती है तो उसे beta testing के लिए भेजा जाता है इसमें वो app सिर्फ कुछ participants यानी beta यूजर को use करने के लिए दी जाती है।
Beta Testing क्या है ? What is Beta Testing in Hindi
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बहुत से लोगो के मन मे ये सवाल होता है कि beta testing क्या होती है ये सवाल इसलिए जाएदा लोगो के दिमाग मे आता है क्योकि बहुत सी पॉपुलर apps पहले whatsapp, facebook आदि भी अपने जायदातर features को सभी यूज़र्स को देने से पहले उन्हें beta user को पहले provide करते है।। beta testing एक ऐसी process है
जो alpha testing के बाद की जाती है इसमें यूजर के फीडबैक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है beta testing limited users के लिए होती है यानी कि जब कोई app किसी developer के द्वारा develop की जाती है तो उसकी alpha टेस्टिंग हो जाने के बाद उसे कुछ लोगो को उपयोग करने के लिए दिया जाता है
और जो लोग उस app या सॉफ्टवेयर का उपयोग करते है वो beta tester होते है। और उनको लगता है कि जिस app या software का वो use कर रहे है उसमें कोई कमी या bug है तो वो अपना सुझाव feedback के द्वारा दे सकते है इससे उस developer को अपने app को और अच्छा बनाने में सहायता मिलती है। सरल शब्दों में कहा जाए
तो beta testing में developer अपनी app को limited यूज़र्स को test करने के लिए देते है और जब वो यूज़र्स उस app का उपयोग करते है और उन्हें लगता है कि इसमें कोई bug है तो वो feedback के द्वारा ये बात developer को बता सकते है
और beta testing के द्वारा developer को ज्ञात हो जाता है कि उनकी द्वारा बनाई गई application में किसी भी प्रकार की कमी या कोई technical fault तो नही है। जो लोग beta testing वाले app का उपयोग करते है उन्हें beta tester कहा जाता है और उन्हें app का new version सबसे पहले मिलता है।
यानी आपने सुना भी होगा कि beta tester बनकर आप किसी भी app के सभी फीचर्स का लाभ सबसे पहले उठा सकते है जैसे whatsapp भी new अपडेट या कोई फीचर provide करता है तो उसे सबसे पहले beta यूज़र्स को ही दिया जाता है
और फिर बाद में वो अपडेट सभी लोगो के लिए प्रदान की जाती है। इस तरह google play store पर आपने देखा होगा कि बहुत सी apps में लिखा होता है कि आप beta tester बनकर इस app का लाभ उठा सकते है। ये एक app testing की last process होती है जिसके बाद app को officially resealse कर दिया जाता है। इसके बाद और कोई भी testing process नही की जाती है।
Beta Tester कैसे बने ?
अभी आपके मन मे एक सवाल होगा कि beta testing के member कैसे बने और इससे क्या फायदा होगा तो सबसे बड़ा फायदा इसका यही है कि आप उस app के new version या update का लाभ उठा पाएंगे और मतलब उस app के सभी features का इस्तेमाल दूसरो से पहले कर पाएंगे जिसका beta प्रोग्राम आपने जॉइन किया होगा यहां पर आपको एक बात ध्यान देने वाली है वो ये की आप अगर सोच रहे है
कि आप सभी apps के साथ beta tester बन जायेंगे तो ऐसा बिल्कुल नही है सभी एप्लीकेशन अलग अलग होती है और अलग अलग कंपनी के प्रोग्रामर द्वारा तैयार की जाती है
इसलिए आपको जिन apps का beta user बनना है उनमें जाकर बीटा प्रोग्राम को जॉइन करना होगा और कुछ एप्प्स ऐसे भी हो सकते है जिनमे बीटा प्रोग्राम फुल हो सकता है मतलब app के डेवलपर के द्वारा ये limit रखी जाती है कि कितने लोग उस app कर beta programmer बन सकते है।
Beta Testing Member कैसे बने
- सबसे पहले आपको अपने मोबाइल में google play store को open करना है और फिर सर्च बॉक्स में उस app या game का नाम लिखकर सर्च करने है जिसके आप testing program में participate करना चाहते है
- फिर उस app में जाने के बाद वहां पर नीचे आपको join the beta वाला एक option दिखेगा आपको join वाले ऑप्शन पर क्लीक कर देना है।
- फिर आपको एक बार और कन्फर्म करने के लिए पूछा जाएगा join पर क्लिक करदे।
- फिर आपका एकाउंट successfully beta list में add हो जाएगा और उस app के नीचे आपको you’r a beta tester of this app ये लिखा show होगा जिसका मतलब है कि आप उस app के beta tester बन चुके है।।
Beta tester बनने का फायदा –
बीटा टेस्टर बनकर आप उस एप्लीकेशन के सभी फ़ीचर्स का लाभ दूसरे लोगो से पहले उठा सकते है आपको new update सभी के लिए आने से पहले ही मिल जाएगा
जिससे की आप पहले से ये जान सकते है कि इस एप्प में कौनसा नया फीचर आने वाला है और उसका उपयोग भी कर सकते है। किसी भी app में कोई भी नया बडा update आता है
तो उसे सबसे पहले beta user को ही दिया जाता है और फिर सभी के लिए officially लॉन्च किया जाता है। इसका एक फायदा ये भी है कि आप किसी भी एप्प्स के beta tester बनकर उससे संबंधित कोई भी बात developer को बता सकते है जैसे की app में कोई bug या technical fault है तो वो भी बता सकते है।
Beta Tester बनने से नुकसान –
अभी आप सोच रहे होंगे कि beta testing के member बनने से क्या नुकसान हो सकता है तो जाएदा तो नही लेकिन थोड़ी बहुत नुकसान है जो कि beta tester को हो सकते है जैसे कि आप अगर किसी भी app के testing program के member बन जाते है और उसमें कोई bug या virus है तो वो आपके mobile में आ सकता है और आपके data को delete कर सकता है
या नुक्सान पहुंच सकता है। और beta यूज़र्स को जो अपडेट दिया जाता है वो development में होता है यानी पूरा बनकर ready नही हुआ होता है इसलिए उसमे कोई भी bug और technical समस्या हो सकती है।
निष्कर्ष –
दोस्तो Beta testing क्या है, Beta Tester कैसे बने ये अब आप सीख ही गए होंगे ये जानकारी अगर आपको अच्छी लगी और आपके लिए useful रही तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया साइट पर share जरूर करे और इस पोस्ट में आपको कुछ steps समझ न आया हो या आपका कोई सवाल है तो कमेन्ट करके जरूर बताएं और ऐसी ओर भी पोस्ट पढ़ने के लिए हमारी साइट पर विजिट करते रहे।